सक्ती,,सक्ती के बुधवारी बाजार को विकास के नाम पर उजाड़े करीब एक वर्ष हो चुका है आज भी यहां के रहने वाले सेकडो लोग जैसे तैसे अपना गुजर बसर कर रहे है,बिना किसी तैयारी के कुछ ही दिनों में सक्ती की पहचान को मिटा दिया गया था जिसका जख्म अभी भी सक्ती के लोगो के मन में ताजा है और कही न कही इस दर्द का बदला इस बार जनता फिर से लोकसभा चुनाव में लेने को तैयार बैठी है,
इससे पूर्व भी विधानसभा चुनाव में डॉ चरण दास महंत को इसकी नाराजगी झेलनी पड़ी थी सक्ती से डॉ महंत काफी पीछे थे और पिछले चुनाव की तुलना में काफी कम अंतर से चुनाव जीते है,7 मई को तीसरे चरण का मतदान होना है जिसमे छत्तीसगढ़ की 7 सीटो के लिए भी मतदान होगा जिसमे से एक जांजगीर लोकसभा की सीट भी है,
जांजगीर से इस बार भाजपा ने नए और साफ छवि के चेहरे कमलेश जांगड़े को मौका दिया है तो वही कांग्रेस ने पूर्व नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया को मैदान में उतारा है,जिसके चलते जांजगीर लोकसभा का चुनाव काफी दिलचस्प हो चुका है एक तरफ मोदी फैक्टर है तो दूसरी तरफ पूर्व मंत्री के दांव पेंच ऐसे में जनता किस पर भरोसा जता रही है फिलहाल ये कह पाना संभव नहीं है लेकिन सक्ती में भाजपा का जबरदस्त माहौल बनते दिख रहा है लोग प्रत्याशी से ज्यादा मोदी की गारंटी पर भरोसा जता रहे है जिसका फायदा प्रत्याशी को मिलना तय है वही तत्कालीन नगरीय प्रशासन मंत्री पद पर रहते शिव डहरिया के द्वारा को सक्ती के बुधवारी बाजार में तबाही मचाई गई है उसका भी असर इस बार के चुनाव देखने को मिल सकता है।