सक्ती,,सक्ती में अवैध प्लाटिंग को लेकर जिला प्रशासन भले ही कड़ी कार्यवाही करने की बात कर रहा है लेकिन जमीनी स्तर पर कोई भी कार्यवाही होती नही दिख रही है शायद 4 जून तक इन भू माफियाओं को अधिकारी और राहत देने की सोच रहे है मगर सक्ती में एसडीएम तहसीलदार के कार्यालय के महज कुछ ही दूरी पर पेट्रोल पंप के सामने स्थित गांगत डबरी तालाब का अस्तित्व खतरे में आ गया है पहले इस डबरी के एक छोर को मिट्टी से पाटकर पीछे खेत तक जाने के लिए रास्ता बना दिया गया था जिसमे धड़ल्ले से अवैध प्लाटिंग कर बड़ी बड़ी इमारतें खड़ी कर दी गई है,वही अब इस डबरी के किनारे एक आलीशान मकान बनाया जा रहा जिसमे सामने की तरफ 3 दुकानें बनाई गई है मानो डबरी को पाटकर सामने मैदान बनाने की योजना हो,आपको बतादे की मौजूदा सरकार में अपनी पहुंच और राजनीतिक संरक्षण के चलते ये अधिकारियों पर दबाव बनाए रखे और अधिकारी इन पर कार्यवाही करने से बचते रहे मगर आज भी इनकी मनमानी और अधिकारियों की चुप्पी समझ से परे है ।
गांगत डबरी को लेकर हाई कोर्ट ने दिए थे अधिकारियो को निर्देश,,
गांगत डबरी के एक किनारे को जब पाटा गया था तो इसकी शिकायत एसडीएम तहसीलदार एवं नगर पालिका अधिकारी से की गई थी वही कार्यवाही नही होने पर शिकायतकर्ता ने हाईकोर्ट में भी याचिका दायर लगाई थी जिसपर हाईकोर्ट ने कलेक्टर एसडीएम तहसीलदार और नगरपालिका अधिकारी से गांगत डबरी को पुनः अपने मूल स्वरूप में वापस लाकर सूचना देने के निर्देश दिए थे मगर अधिकारियो ने हाई कोर्ट के आदेश का भी पालन नहीं किया आपको बतादे की डबरी के किनारे एक हरे भरे पेड़ को भी काट दिया गया और पीछे खेत के लिए रास्ता बना दिया गया था और पीछे खेत की जमीन में नियम विरुद्ध प्लाटिंग कर बेच दिया गया है वही हैरत की बात है की इतना सब होने के बाद भी इस अवैध प्लाटिंग को लेकर अधिकारियो ने आज तक कोई कार्यवाही नहीं की यहां तक की अधिकारियो के द्वारा तैयार की गई अवैध प्लाटिंग की सूची में इसका नाम तक शामिल नहीं किया गया है।