स्थानीय अधिकारियों के फैसले के खिलाफ जिले के अधिकारी ने दे दी मेला लगाने की सशर्त अनुमति, 28 बिंदुओं के कोविड प्रोटोकाल का पालन कैसे करवाएंगे जिम्मेदार,,,
जांजगीर चाँपा,,कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को भांपते हुए इस वर्ष स्थानीय अधिकारियो ने जिले में मेले के आयोजन को लेकर अनुमति नही दी है मगर आयोजन समिति ने अनुमति के लिए जिले के अधिकारियो को मना लिया है और क्षेत्र में मेले के आयोजन की अनुमति ले ली है जिसके बाद अब एक बार फिर मेला लगाने की तैयारियां की जा रही है हर वर्ष दिसंबर माह में जिले के सक्ती एवं मालखरौदा में मेला का आयोजन किया जाता रहा है मगर कोरोना के चलते लोगो की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पिछले वर्ष इसकीं अनुमति नही मिली थी इस वर्ष छत्तीसगढ़ में फिलहाल कोरोना की स्थिति सामान्य है मगर कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन ने भारत के कई राज्यों में दस्तक दे दिया है जिसके चलते भारत सरकार ने सभी राज्यो को कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के लिए नई गाइडलाईन जारी की है जिसमे इस प्रकार के आयोजन के लिए सख्त निर्देश दिए गए है बाउजूद इसके जिला प्रशासन ने मालखरौदा में मिशन मेला आयोजन की मंजूरी दे दी है जो समझ से परे है,,
हालांकि मेला आयोजन के लिए सशर्त अनुमति दी गयी है जिसमे 28 बिंदुओं के तहत कोविड प्रोटोकाल का पालन करने के निर्देश दिए गए है मगर सवाल यह है कि मेले जैसे आयोजन में इस कोविड प्रोटोकाल का पालन कैसे संभव होगा, मेले के दौरान कोविड प्रोटोकाल का पालन कौन करवाएगा ओर अगर निर्देशो का उलंघन होता है तो कौन जिम्मेदार होगा ये तमाम सवाल यह सोचने के लिए मजबूर करता कि जिले के अधिकारी की ऐसी क्या मजबूरी है जो स्थानीय अधिकारियो के सहमति के बिना ही मेला आयोजन की अनुमति दे दी गयी,,
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